दिल्लीः राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद किसे मिलेगा मंत्रीपद, रेस में ये 4 नाम

हाइलाइट्स

12 विधायकों में से मंत्री की कुर्सी तक कौन पहुंचेगा, यह बड़ा सवाल है.
मंत्री पद की रेस में पहला नाम कुलदीप कुमार का है. कुलदीप कोंडली से विधायक हैं और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के काफ़ी करीबी माने जाते हैं.

दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में इस वक्त राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद मंत्रालय खाली पड़ा हुआ है, जिसके बाद नए मंत्री बनाने को लेकर कई सारे नाम सामने आ रहे हैं कि कौन नया मंत्री होगा.

दरअसल, आम आदमी पार्टी के दलित विधायकों की सूची में कुल 12 नाम शामिल हैं. सुल्तानपुर माजरा से मुकेश अहलावत, बवाना से जय भगवान, मंगोलपुरी से राखी बिडलान, मादीपुर से गिरीश सोनी, अंबेडकर नगर से अजय दत्त, देवली से प्रकाश जारवाल, करोलबाग से विशेष रवि, पटेल नगर से राजकुमार आनंद, गोकलपुर से सुरेन्द्र कुमार, कोंडली से कुलदीप कुमार,  सीमापुरी से राजेन्द्र पाल गौतम और त्रिलोकपुरी से रोहित महरोलिया दलित हैं.

हालांकि, इन सभी 12 विधायकों में से मंत्री की कुर्सी तक कौन पहुंचेगा, यह बड़ा सवाल है. मंत्री पद की रेस में  पहला नाम कुलदीप कुमार का है. कुलदीप कोंडली से विधायक हैं और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के काफ़ी करीबी माने जाते हैं. कुलदीप पार्टी के प्रवक्ता हैं और दलितों के बीच काफ़ी चर्चित चेहरा है. ऐसे में माना जा रहा है कि कुलदीप के नाम पर मुहर लगने की संभावनाएं सबसे ज़्यादा हैं.

क़रोल बाग से विधायक विशेष रवि को भी मंत्री पद मिल सकता है. क्योंकि वह लगातार तीन बार से विधायक हैं. विधानसभा की कई समितियों के अध्यक्ष भी हैं और साथ ही अरविंद केजरीवाल के गुड बुक्स में भी शामिल हैं. इसके अलावा, मंगोलपुरी से विधायक राखी बिडलान तीन बार की विधायक हैं. राखी बिडलान दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर है. राखी का नाम इसलिये भी चर्चाओं में है, क्योंकि आम आदमी पार्टी की महिला नेताओं के बीच एक प्रमुख चेहरा हैं और लोकपाल आंदोलन के समय से ही अरविंद केजरीवाल से जुड़ी हुई है. ऐसे में अगर राखी बिडलान को मंत्री बनाया जाता है तो एक दलित चेहरे के साथ एक महिला चेहरा भी केजरीवाल कैबिनेट में शामिल हो जाएगा. पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद बेहद गरीब तबके से आते है. एक ताला बनाने की फ़ैक्ट्री में मज़दूरी करते थे. 2013 में इनकी पत्नी आम आदमी पार्टी से विधायक रह चुकी हैं और अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद भी माने जाते हैं.

दिल्ली में 12 सीटें आरक्षित हैं

दिल्ली में 18 से 20% मतदाता दलित वर्ग से आते हैं और दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से 12 सीट इस वर्ग के लिये आरक्षित हैं ग़ौरतलब है कि इन सभी 12 सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही क़ब्ज़ा है. यही वजह है कि पार्टी अपने इस बड़े वोट बैंक को साधने के लिये एक दलित चेहरे को ही कैबिनेट में हमेशा से जगह देती रही है और अब राजेन्द्र पाल गौतम के इस्तीफ़े के बाद से एक दलित चेहरे को ही मंत्री पद देने की संभावना प्रबल है.

Tags: AAP MLA, Delhi CM Arvind Kejriwal

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